बाजे कुण्डलपुर में बधाई कि नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी ॥टेक॥जागे भाग हैं त्रिशला माँ के.. त्रिभुवन के नाथ जन्मे, महावीर जी ॥१॥शुभ घडी जनम की आई... कि स्वर्ग से देव आये, महावीर जी ॥२॥तुझे देवियां झुलावे पलना.. कि मन में मगन होके, महावीर जी ॥३॥तेरे पलने में हीरे मोती.. कि डोरियों में लाल लटके, महावीर जी ॥४॥तेरे न्हवन करें मेरु पर.. कि इंद्र जल भर लायें, महावीर जी ॥५॥हम तेरे दरस को आये.. कि पाप सब कट जाऐंगे, महावीर जी ॥६॥अब ज्योति तेरी जागी के सूर्य चाँद छिप जाए, महावीर जी ॥७॥तेरे पिता लुटावें मोहरें खजाने सारे खुल जाएंगे, महावीर जी ॥८॥