आज तो बधाई, राजा नाभि के दरबार मेंनाभि के दरबार में, नाभि के दरबार में ॥मरुदेवी नें ललना जायो, जायो रिषभ कुमार जीअयोध्या में उत्सव कीनो, घर घर मंगलाचार जी ॥१॥हाथी दीना घोडा दीना, दीना रथ भंडार जी नगर सरीखा पट्टन दीना, दीना सब श्रृंगार जी ॥२॥घन घन घन घन घंटा बाजे, देव करे जयकार जीइंद्राणी मिल चौक पुराए, भर-भर मुतियन थाल जी ॥३॥तीन लोक में दिनकर प्रकटे घर घर मंगलाचार जीकेवल-कमला रूप निरंजन आदीश्वर महाराज जी ॥४॥हाथ जोड़ मैं करूँ वीनती, प्रभुजी यो चिरकाल जीनाभि राज दान देवें बरसे रतन अपार जी ॥५॥