भगवन मरुदेवी के लाल, मुक्ति की राह बताने वाले ।राह बताने वाले सबका, भ्रम मिटाने वाले ॥टेक॥लीना अवधपुरी अवतार, छा गयो जग में आनन्दकार ।बोले सुरनर जय जयकार, सारे जिन गुण गाने वाले ॥भगवन मरुदेवी के लाल, मुक्ति की राह बताने वाले ॥1॥जग में था अज्ञान महान, तुमने दिया सबों को ज्ञान ।करके मिथ्यामत को भान, केवल ज्ञान उपाने वाले ॥भगवन मरुदेवी के लाल, मुक्ति की राह बताने वाले ॥2॥तुमने दिया धरम उपदेश, जामें राग द्वेष नहीं लेश ।तुम सतब्रह्मा विष्णु महेश, शिव मारग दर्शाने वाले ॥भगवन मरुदेवी के लाल, मुक्ति की राह बताने वाले ॥3॥जग जीवन पे करुणाधार, तुमने दिया मंत्र नवकार ।जिससे हो गये भवदधि पार, लाखों निश्चय लाने वाले ॥भगवन मरुदेवी के लाल, मुक्ति की राह बताने वाले ॥4॥बैरी कर्म बड़े बल बीर, देते सब जीवों को पीर ।'न्यामत' हो रहा अधम अधीर, तुमहीं धीर बँधाने वाले ॥भगवन मरुदेवी के लाल, मुक्ति की राह बताने वाले ॥5॥