महावीर स्वामी तुम्हारा सहारा, बिना आपके कौन जग में हमारा॥जगत संकटों को, सदा आप हरते-२तथा शांति संतोष, सुखपूर्ण करते-२तुम्हीं कल्पतरू, कामधेनु तुम्हीं हो,सभी कामना पूर्ण कर्त्ता तुम्हीं हो॥तुम्हीं रत्न चिंतामणी स्वर्णदाता-२तुम्हीं पाप हर्त्ता तुम्हीं विघ्नधाता-२तुम्हीं समदर्शी तुम्हीं वीतरागी,तुम्हीं सत्यवक्ता तुम्हीं सर्वत्यागी॥तुम्हीं बुद्ध ब्रह्मा महेश्वर व शंकर-२महादेव ईश्वर अशुभ के शयंकर-२सती अंजना द्रौपदी सीता माता,मनोरम बनीली हुई जग विख्याता॥सुदर्शन श्रीपाल तुम नाम ध्याया-२सबों के दुखों को क्षणिक में मिटाया-२नहीं आज शरणा प्रभुजी तुम्हारी,रहेंगे जगत में क्या फ़िर भी दुखारी॥परम पूज्य श्रद्धेय तुमको जो ध्यावे,वही इन्द्र भगवान पदवी को पावे॥महावीर स्वामी....