ओ जी थे झूठ वचन मत बोलो,ओ जी थे साँच जवाहर खोलो।ओ जी थे झूठ झूठ सम जानो,कोई आगम वचन प्रमाणो जी ॥ओ जी...१॥ओ जी थे नरका में जब जावो, कोई नाना त्रास तो पावो जी ॥ओ जी...२॥ओ जी कोई चौरासी में भ्रमयो, कोई नरतन पाय अमोलोजी ॥ओ जी...३॥ओ जी थे हँसी ठिठोली नही करज्यो, कोई मिथ्या वचन न बकियो जी ॥ओ जी...४॥ओजी थे हिंसा वचन मत कहिज्यो, कोई मरम भेद नही कहिये जी ॥ओ जी...५॥ओ जी थे भरम वचन मत पालो, कोई परिग्रह संख्या रखियो जी ॥ओ जी...६॥ओ जी थे अतिचार मत करना,कोई नियम पाल भव तरना जी ॥ओ जी...७॥