चाहे अंधियारा हो, या दूर किनारा हो,आवाज हमें देना, हम दौड़े-दौड़े आएंगे ॥१॥चाहे गरमी सरदी हो, या बिजली चमकती हो,आवाज हमें देना, हम दौड़े-दौड़े आएंगे ॥२॥हम मंदिर जाएंगे, हम पूजा रचाएंगे,जिनवाणी सुनने को, हम दौड़े-दौड़े आएंगे ॥३॥हम शिविर लगाएंगे, अज्ञान नशाएंगे,जिनवाणी पढ़ने को, हम दौड़े-दौड़े आएंगे ॥४॥हम मुनि बन जाएंगे, निज ध्यान लगाएंगे,आवाज नहीं देना, हम कभी नहीं आएंगे ॥५॥हम मुक्ति पाएंगे, हम सिद्ध बन जाएंगे,आवाज नहीं देना, हम कभी नहीं आएंगे ॥६॥