छोटा सा मंदिर बनायेंगे, वीर गुण आयेंगे।वीर गुण गायेंगे, महावीर गुण गायेंगें॥कंधों पे लेके चांदी की पालकी, प्रभु जी का विहार करायेंगें।हाथों में लेकर सोने के कलशा, प्रभुजी का न्हवन करायेंगे।हाथों में लेकर द्रव्य की थाली, पूजन विधान रचायेंगे।हाथों में लेकर ताल-मजीरा, प्रभुजी की भक्ति रचायेंगे।हाथों में लेकर श्री जिनवाणी, पढेंगें और सबको पढायेंगे।श्रद्धा में लेकर वस्तुस्वरूप, आतम का अनुभव करायेंगे।चारित्र में लेकर शुद्धोपयोग, मुक्तिपुरी को जायेंगें।