ज्ञानी का ध्यानी का सबका कहना हैएक आत्मा ही सच्चा गहना हैसोना... चांदी... पुद᳭गल की सेना है ॥टेक॥पर को अपना माने यही है तेरी भूलरम जा निज में चेतन खिलेंगे समकित फूलसंयम की साधना... से ही रहना है ॥१ ज्ञानी...॥आलू जो खाते हैं वो बन जाते भालूचाकलेट जो चूसते हैं वे बन जाते चालूनरकगति की वे यात्रा कर आते ॥२ ज्ञानी...॥जीवन के दु:खों से जो डरते नहीं हैंऐसे ज्ञानी बच्चे कभी रोते नहीं हैंसुख की है चाह तो दु:ख भी सहना है ॥३ ज्ञानी...॥सत्य अहिंसा सदाचारमय जीवन जिसका है,देव-शास्त्र गुरु की वाणी पर श्रद्धा रखता है,मोक्ष महल की सीढ़ी पर चढ़ जाता है ॥४ ज्ञानी...॥