माँ मुझे सुना गुरुवर की कथा, कैसे संसार मिलेबचपन कैसा, यौवन कैसा जिनवाणी के साथ चलेकैसे करुणा प्यार पलेगुरुदेव की माता जागे, ललना को नित्य जगावेसोता न रहे जीवन भर, तू काम मनुज के आवे आलस तजकर जीवन पथपर करता उपकार चले ॥बचपन॥मंदिर में घंटा बाजे, भगवन महावीर विराजेतू वीर बने जीवन-भर, करुणा और दया ना त्याजेमन साफ़ रहे, ये आभास रहे, झूठ कषाय टले ॥बचपन॥