वर्धमान बोलो भैया, बोलो वर्धमान,हृदय के पट खोलो, ले लो प्रभु नाम ॥टेक॥रागी नहीं द्वेषी नहीं मेरो भगवान,वीतरागी है प्रभु मेरो वर्धमान ॥१॥काला नहीं गोरा नहीं, मेरा वर्धमान,वर्ण रहित है मेरो वर्धमान ॥२॥कर्ता नहीं, भोक्ता नहीं मेरो वर्धमान,ज्ञान स्वरूपी है मेरो वर्धमान ॥३॥क्रोधी नहीं, लोभी नहीं, मेरो वर्धमान,शांत स्वरूपी है मेरो वर्धमान ॥४॥