
जीवा सयल वि णाण-मय जम्मण-मरण-विमुक्क ।
जीव-पएसहिँ सयल सम सयल वि सगुणहिँ एक्क ॥97॥
जीवाः सकला अपि ज्ञानमया जन्ममरणविमुक्ताः ।
जीवप्रदेशैः सकलाः समाः सकला अपि स्वगुणैरेके ॥९७॥
अन्वयार्थ : [सकला अपि जीवाः] सब ही जीव [ज्ञानमयाः] ज्ञानमयी हैं, और [जन्ममरणविमुक्ताः] जन्म-मरण सहित [जीवप्रदेशैः] अपने अपने प्रदेशों से [सकलाः समाः] सब समान हैं, [अपि] और [सकलाः] सब जीव [स्वगुणैः एके] अपने केवलज्ञानादि गुणों से समान हैं ।
Meaning : All the souls are Jnana-Maee , and are free from birth and death ; with reference to their Pradeshas , they are like one another; they are of an equal status with reference to their Shuddha Gunas also.
श्रीब्रह्मदेव