सर्वार्थसिद्धि :
विध शब्द प्रकारवाची है । 'द्विविधानि' पद में 'द्वौ विधौ येषां तानि द्विविधानि' इस प्रकार बहुव्रीहि समास है । आशय है है कि ये पाँचों इन्द्रियाँ प्रत्येक दो-दो प्रकार की हैं । शंका – वे दो प्रकार कौन हैं ? समाधान – द्रव्येन्द्रिय और भावेन्द्रिय । अब द्रव्येन्द्रिय के स्वरूप का ज्ञान कराने के लिए आगेका सूत्र कहते हैं - |
राजवार्तिक :
इन्द्रियां दो प्रकार की हैं - एक द्रव्येन्द्रिय और दूसरी भावेन्द्रिय । |