+ इन्द्रियों के प्रकार -
द्विविधानि ॥16॥
अन्वयार्थ : वे प्रत्‍येक दो-दो प्रकार की हैं ॥१६॥
Meaning : (The senses are of) two kinds.

  सर्वार्थसिद्धि    राजवार्तिक 

सर्वार्थसिद्धि :

विध शब्‍द प्रकारवाची है । 'द्विविधानि' पद में 'द्वौ विधौ येषां तानि द्विविधानि' इस प्रकार बहुव्रीहि समास है । आशय है है कि ये पाँचों इन्द्रियाँ प्रत्‍येक दो-दो प्रकार की हैं ।

शंका – वे दो प्रकार कौन हैं ?

समाधान –
द्रव्‍येन्द्रिय और भावेन्द्रिय ।

अब द्रव्‍येन्द्रिय के स्‍वरूप का ज्ञान कराने के लिए आगेका सूत्र कहते हैं -
राजवार्तिक :

इन्द्रियां दो प्रकार की हैं - एक द्रव्येन्द्रिय और दूसरी भावेन्द्रिय ।