+ बाकी क्षेत्रों का विस्तार -
तद् द्विगुण द्विगुणविस्तारा वर्षधरवर्षा विदेहान्ताः॥25॥
अन्वयार्थ : विदेह पर्यन्‍त पर्वत और क्षेत्रों का विस्‍तार भर‍त क्षेत्र के विस्‍तार से दूना-दूना है ॥२५॥
Meaning : The mountains and the regions are double in width up to Videha.

  सर्वार्थसिद्धि    राजवार्तिक 

सर्वार्थसिद्धि :

जिनका भरतसे दूना-दूना विस्‍तार है वे भरत से दूने-दूने विस्‍तारवाले कहे गये हैं। यहाँ 'तद्द्विगुणद्विगुणविस्‍ताराः' में बहुव्रीहि समास है।

शंका – वे दूने-दूने विस्‍तारवाले क्‍या हैं ?

समाधान –
पर्वत और क्षेत्र।

शंका – क्‍या सबका दूना-दूना विस्‍तार है ?

समाधान –
नहीं, किन्‍तु विदेह क्षेत्र तक दूना-दूना विस्‍तार है।

क्षेत्र और पर्वतोंका विस्‍तार क्रमसे किस प्रकार है अब इस बातके बतलानेके लिए आगेका सूत्र कहते हैं-
राजवार्तिक :

विदेहक्षेत्र पर्यन्त के पर्वत और क्षेत्र क्रमशः दूने-दूने विस्तारवाले हैं।