
सर्वार्थसिद्धि :
इन दो कल्पों में देवों की साधिक सात सागरोपम उत्कृष्ट स्थिति है। अब बह्मलोक से लेकर अच्युत पर्यन्त कल्पों में स्थिति विशेष का ज्ञान कराने के लिए आगे का सूत्र कहते हैं– |
राजवार्तिक :
सागर और अधिक पद का अनुवर्तन पूर्वसूत्र से हो जाता है। अतः सानत्कुमार और माहेन्द्र स्वर्ग में कुछ अधिक सात सागर स्थिति समझनी चाहिए । |