अमृतचंद्राचार्य
जयसेनाचार्य
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श्रीसर्वज्ञवीतरागाय नम:
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श्रीमद्-भगवत्कुन्दकुन्दाचार्यदेव-प्रणीत
श्री
प्रवचनसार
मूल प्राकृत गाथा, श्री अमृतचंद्राचार्य विरचित 'तत्त्वदीपिका' नामक संस्कृत टीका का हिंदी अनुवाद, श्री जयसेनाचार्य विरचित 'तात्पर्य-वृत्ति' नामक संस्कृत टीका का हिंदी अनुवाद सहित
आभार : पं जयचंदजी छाबडा, पं हुकमचंद भारिल्ल
अमृतचंद्राचार्य
जयसेनाचार्य