!! श्रीसर्वज्ञवीतरागाय नम: !!

आचार्य‌-पूज्यपाद-प्रणीत

श्री
समाधितन्त्र

मूल संस्कृत गाथा, श्री प्रभाचंद्र आचार्य द्वारा कृत संस्कृत टीका का हिंदी अनुवाद पं देवेन्द्रकुमार बिजौलियां वाले, श्री क्षु. मनोहर वर्णी द्वारा कृत हिंदी टीका सहित

आभार :

  प्रभाचन्द्र    वर्णी