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श्रीसर्वज्ञवीतरागाय नम:
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श्रीमद्-श्रुतमुनिदेव-प्रणीत
श्री
प्रवचनसार
मूल प्राकृत गाथा का हिंदी अनुवाद सहित
आभार :