कथा
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श्रीसर्वज्ञवीतरागाय नम:
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श्री-सकलकीर्ति-भट्टारक प्रणीत
श्री
सुकुमाल-चरित्र
आभार : श्री नेमीचन्दजी बाकलीवाल, किशनगढ़; पण्डित देवेन्द्रकुमार जैन, बिजौलियां-राजस्थान
कथा