+ व्याप्तिकाल में साध्य का नियम - -
व्याप्तौ तु साध्यं धर्म एव ॥28॥
अन्वयार्थ : [व्याप्तौ] व्याप्तिकाल में [तु] तो [धर्मः] धर्म [एव] ही [साध्यं] साध्य होता है।
Meaning : When infallible-concomitance (vyāpti) is established, only the attribute (dharma) is the object-to-be-proved (sādhya).

  टीका