पं-रत्नचन्द-मुख्तार
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आलापपद्धति का अर्थ
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आलापपद्धतिर्वचनरचनाऽनुक्रमेण नयचक्रस्योपरि उच्यते ॥1॥
अन्वयार्थ :
वचनों की रचना के क्रम के अनुसार प्राकृतमय नयचक्र नामक शास्त्र के आधार पर से आलापपद्धति को
(मैं देवसेनाचार्य)
कहता हूँ ।
मुख्तार
मुख्तार :
इस आलापपद्धति शास्त्र की रचना प्राकृत-नयचक्र ग्रंथ के आधार पर हुई है ।