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श्रीसर्वज्ञवीतरागाय नम:
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श्रीमद्-इंद्रनंदीआचार्यदेव-प्रणीत
श्री
श्रुतावतार
मूल संस्कृत गाथा का हिंदी अनुवाद सहित
आभार : गणिनी आर्यिकाश्री ज्ञानमती माताजी