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मनुष्य गति मार्गणा में सत्व

  विशेष 

विशेष :


मनुष्य गति मार्गणा में सत्व
सत्व असत्व व्युच्छिति
सामान्य, पर्याप्त, योनिमति* मिथ्यात्व 148 0 0
सासादन 145 3 (-आहारक-द्विक, तीर्थंकर) 0
मिश्र 147 1 (-तीर्थंकर) 0
अविरत 148 0 2 (आयु [नरक, तिर्यञ्च])
संयमासंयम 146 2 0
प्रमत्तसंयत
अप्रमत्तसंयत 4 *(अनंतानुबंधी ४)
अपूर्वकरण 146/*142 2/*6 0
अनिवृतिकरण
सूक्ष्मसाम्पराय
उपशान्तमोह 41 (देवायु, मोहनीय २४, जातिचतुष्क, सूक्ष्म, स्थावर, साधारण, आतप, उद्योत, गति [नरक, तिर्यन्च], गत्यानुपूर्व्य [नरक, तिर्यन्च], स्त्यानत्रिक)
क्षीणमोह 101 47 16 (ज्ञानावरण ५, दर्शनावरण ६ [चक्षु, अचक्षु, अवधि, केवल, निद्रा, प्रचला], अंतराय ५)
सयोगकेवली 85 63 0
अयोगकेवली 85 63 85
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148
क्षपक-श्रेणी के अपूर्वकरण गुणस्थान में देवायु और मोहनीय की सात प्रकृतियों की सत्ता नहीं है
क्षपक-श्रेणी के अनिवृत्तिकरण गुणस्थान में 36 प्रकृतियों की सत्ता नष्ट होती है
*द्वितियोपशम सम्यक्त्व के लिए अनंतानुबंधी की विसंयोजना का नियम है
*योनिमति के क्षपक-श्रेणी के अपूर्वकरण गुणस्थान में तीर्थंकर की सत्ता नहीं है
सत्व असत्व
लब्ध्यपर्याप्त मिथ्यात्व 145 3 (तीर्थंकर, देवायु, नरकायु)