विशेष :
| लेश्या, भव्य और सम्यक्त्व मार्गणा में सत्व |
|
सत्व |
असत्व |
| लेश्या |
कृष्ण, नील |
मिथ्यात्व |
147 |
1 (तीर्थंकर) |
| सासादन |
145 |
3 (-आहारक-द्विक, तीर्थंकर) |
| मिश्र |
147 |
1 (तीर्थंकर) |
| अविरत |
148 |
0 |
| सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 1 से 4 |
| कापोत |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 1 से 4, सामान्यवत् |
| पीत-पद्म |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 1 से 7, मिथ्यात्व गुणस्थान में तीर्थकर का सत्व नहीं, शेष सामान्यवत् |
| शुक्ल |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 1 से 13, मिथ्यात्व गुणस्थान में तीर्थकर का सत्व नहीं, शेष सामान्यवत् |
| भव्य |
भव्य |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 1 से 14, सामान्यवत् |
| अभव्य |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 141 = 148 - 7 (तीर्थंकर, आहारक ४ [शरीर, बंधन, संघात, अंगोपांग], सम्यक्त्व और मिश्र मोहनीय), गुणस्थान मिथ्यात्व |
|
सत्व |
असत्व |
| सम्यक्त्व |
औपशमिक |
अविरत |
148 |
0 |
| देशसंयत |
147 |
1 (नरकायु) |
| प्रमत्त-विरत से उपशांतमोह |
146 |
2 (तिर्यञ्चायु, नरकायु) |
| सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 4 से 11, सामान्यवत् |
| क्षायोपशमिक |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान 4 से 7, सामान्यवत् |
| क्षायिक |
अविरत |
141 |
0 |
| देशसंयत से अप्रमत्तसंयत |
139 |
2 (तिर्यञ्चायु, नरकायु) |
| अपूर्वकरण* से उपशान्तमोह |
139 |
2 |
| क्षीणमोह |
101 |
40 (2+36 [अनिवृत्तिकरण में व्युच्छिन्न]+संज्वलन लोभ+देवायु) |
| सयोगकेवली |
85 |
56 |
| अयोगकेवली |
85*,72,13 |
56,69,128 |
| सत्व योग्य प्रकृतियाँ 141 = 148 - 7 (दर्शनमोहनीय ३ और अनंतानुबंधी ४), गुणस्थान 4 से 14, |
| *अपूर्वकरण गुणस्थान से उपशांत-मोह में अबद्धायुष्क के देवायु का सत्व नहीं पाया जाता |
| *आयोगकेवली गुणस्थान में द्विचरम समय में सत्व 72, चरम समय में सत्व 13 |
| मिश्र |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 147, तीर्थंकर सत्व नहीं, गुणस्थान मिश्र |
| सासादन |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 145, तीर्थंकर और आहारक द्विक का सत्व नहीं, गुणस्थान सासादन |
| मिथ्यात्व |
सत्व योग्य प्रकृतियाँ 148, गुणस्थान मिथ्यात्व |
|