विशेष :
| स्पर्शानुगम |
| मार्गणा |
गुणस्थान |
स्पर्श |
| गति |
नरक |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ५/१४ भाग |
| १ |
मिथ्यादृष्टि से असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| २-६ |
मिथ्यादृष्टि, सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम १,२,३,४,५ भाग |
| मिश्र, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| ७ |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| सासादन, मिश्र, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| तिर्यंच |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-लोक |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ७/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| असंयत, संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| लब्ध्यपर्याप्त |
लोक का असंख्यातवां भाग, सर्व-लोक |
| मनुष्य |
मनुष्य, मनुष्य-पर्याप्त, मनुष्यिनी |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, सर्व-लोक |
| मनुष्य, मनुष्य-पर्याप्त, मनुष्यिनी |
सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ७/१४ भाग |
|
सम्यग्मिथ्यादृष्टि से अयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| सयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग / लोक का असंख्यात बहुभाग / सर्वलोक |
| लब्ध्यपर्याप्त |
लोक का असंख्यातवां भाग, सर्व-लोक |
| देव |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि, सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, कुछ कम ९/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| भवनवासी, व्यंतर, ज्योतिष |
मिथ्यादृष्टि, सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, लोकनाली के साढ़े तीन, आठ, नौ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम साढ़े तीन, कुछ कम ८/१४ भाग |
| सौधर्म, ईशान |
मिथ्यादृष्टि से असंयत |
ओघ के समान |
| सनत्कुमार से सहस्रार |
मिथ्यादृष्टि से असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| आनत से अच्युत |
मिथ्यादृष्टि से असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| नौ-ग्रैवेयक |
मिथ्यादृष्टि से असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| नौ-अनुदिश, पांच अनुत्तर |
असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| इन्द्रिय |
एकेंद्रिय |
पर्याप्त / अपर्याप्त, बादर / सूक्ष्म |
सर्व-लोक |
| २-४ इन्द्रिय |
पर्याप्त / अपर्याप्त |
सर्व-लोक |
| पंचेन्द्रिय |
पर्याप्त |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| सासादन से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| लब्ध्यपर्याप्त |
लोक का असंख्यातवां भाग, सर्व-लोक |
| काय |
स्थावर |
पर्याप्त / अपर्याप्त (बादर / सूक्ष्म, (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु), बादर प्रत्येक वनस्पति) |
सर्व-लोक |
| बादर पर्याप्त (पृथ्वी, जल, अग्नि, प्रत्येक वनस्पति) |
लोक का असंख्यातवां भाग, सर्व-लोक |
| बादर पर्याप्त वायुकायिक |
लोक का असंख्यातवां भाग, सर्व-लोक |
| (बादर / सूक्ष्म / पर्याप्त / अपर्याप्त) वनस्पतिकायिक / निगोद |
सर्व-लोक |
| त्रस |
पर्याप्त |
मिथ्यादृष्टि से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| लब्ध्यपर्याप्त |
पंचेन्द्रिय लब्ध्यपर्याप्त के समान |
| योग |
पांच मन, पांच वचन |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, सर्व-लोक |
| सासादन से संयता-संयत |
ओघ के समान |
| प्रमत्त-संयत से सयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| काय |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान (सर्व-लोक) |
| सासादन से क्षीण-कषाय |
ओघ के समान |
| सयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग / लोक का असंख्यात बहुभाग / सर्वलोक |
| औदारिक |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान (सर्व-लोक) |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ७/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| असंयत, संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| प्रमत्त-संयत से सयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| औदारिक-मिश्र |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान (सर्व-लोक) |
| सासादन, असंयत, सयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| वैक्रियिक |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, कुछ कम १३/१४ भाग, |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयत |
ओघ के समान |
| वैक्रियिक-मिश्र |
मिथ्यादृष्टि, सासादन, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| आहारक, आहारक-मिश्र |
प्रमत्त-संयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| कार्मण |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ११/१४ भाग |
| असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| सयोग-केवली |
लोक का असंख्यात बहुभाग / सर्वलोक |
| वेद |
स्त्री-पुरुष |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, कुछ कम ९/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| प्रमत्त-संयत से अनिवृत्तिकरण |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| नपुंसक |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान (सर्व-लोक) |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम १२/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| असंयत, संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| प्रमत्त-संयत से अनिवृत्तिकरण |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| अपगत |
अनिवृत्तिकरण से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| सयोग-केवली |
ओघ के समान |
| कषाय |
क्रोध, मान, माया, लोभ |
मिथ्यादृष्टि से अनिवृत्तिकरण |
ओघ के समान |
| लोभ |
सूक्ष्म-साम्पराय |
ओघ के समान |
| अकषायी |
उपशान्त-कषाय आदि ४ |
ओघ के समान |
| ज्ञान |
मत्यज्ञानी, श्रुताज्ञानी |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| सासादन |
ओघ के समान |
| विभंगज्ञानी |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, सर्वलोक |
| सासादन |
ओघ के समान |
| आभिनिबोधिक, श्रुतज्ञानी, अवधिज्ञानी |
असंयत से क्षीण-कषाय |
ओघ के समान |
| मन:पर्यय |
प्रमत्त-संयत से क्षीण-कषाय |
ओघ के समान |
| केवलज्ञानी |
सयोग-केवली |
ओघ के समान |
| अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| संयम |
सामान्य |
प्रमत्त-संयत से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| सयोग-केवली |
ओघ के समान |
| सामायिक, छेदोपस्थापना |
प्रमत्त-संयत से अनिवृत्तिकरण |
ओघ के समान |
| परिहार-विशुद्धि |
प्रमत्त, अप्रमत्त-संयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| सूक्ष्म-साम्पराय |
क्षपक / उपशम |
सूक्ष्म-साम्पराय |
ओघ के समान |
| यथाख्यात |
उपशान्त-कषाय आदि ४ |
ओघ के समान |
| संयता-संयत |
ओघ के समान |
| असंयत |
मिथ्यादृष्टि से असंयत सम्यग्दृष्टि |
ओघ के समान |
| दर्शन |
चक्षु |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, सर्वलोक |
| सासादन से क्षीण-कषाय |
ओघ के समान |
| अचक्षु |
मिथ्यादृष्टि से क्षीण-कषाय |
ओघ के समान |
| अवधि |
|
अवधि-ज्ञानियों के समान |
| केवल |
अयोग, सयोग-केवली |
केवल-ज्ञानियों के समान |
| लेश्या |
कृष्ण, नील, कापोत |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ५/१४,४/१४,२/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| पीत |
मिथ्यादृष्टि, सासादन |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४,९/१४ भाग |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि,असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम डेढ़/१४ भाग |
| प्रमत्त, अप्रमत्त-संयत |
ओघ के समान |
| पद्म |
मिथ्यादृष्टि से असंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग |
| संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ५/१४ भाग |
| प्रमत्त, अप्रमत्त-संयत |
ओघ के समान |
| शुक्ल |
मिथ्यादृष्टि से संयतासंयत |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ६/१४ भाग |
| प्रमत्त-संयत से सयोग केवली |
ओघ के समान |
| भव्य |
भव्य |
मिथ्यादृष्टि से अयोग केवली |
ओघ के समान |
| अभव्य |
सर्व-लोक |
| सम्यक्त्व |
सामान्य |
असंयत से अयोग केवली |
ओघ के समान |
| क्षायिक |
असंयत |
ओघ के समान |
| संयतासंयत से अयोग केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| सयोग केवली |
ओघ के समान |
| वेदक |
असंयत से अप्रमत्त-संयत |
ओघ के समान |
| औपशमिक |
असंयत |
ओघ के समान |
| संयतासंयत से उपशान्त-कषाय |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| संज्ञी |
संज्ञी |
मिथ्यादृष्टि |
लोक का असंख्यातवां भाग, कुछ कम ८/१४ भाग, सर्वलोक |
| सासादन से क्षीण-कषाय |
ओघ के समान |
| असंज्ञी |
सर्व-लोक |
| आहार |
आहारक |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| सासादन से संयतासंयत |
ओघ के समान |
| प्रमत्त-संयत से सयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
| अनाहारक |
मिथ्यादृष्टि, सासादन, असंयत, सयोग-केवली |
कार्मण-काययोगी जीवों के समान |
| अयोग-केवली |
लोक का असंख्यातवां भाग |
|