| मार्गणा |
गुणस्थान |
नाना जीव अपेक्षा काल |
एक जीव अपेक्षा काल |
| जघन्य |
उत्कृष्ट |
जघन्य |
उत्कृष्ट |
| गति |
नरक |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३३ सागर |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३३ सागर - ६ अंतर्मुहूर्त |
| १ से ७ |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
१,३,७,१०,१७,२२,३३ सागर |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
( (१,३,७,१०,१७,२२ सागर) - ३ समय), (३३ सागर - ६ समय) |
| तिर्यंच |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
अनन्त (असंख्यात (आवली के असंख्यात भाग) पुद्गल परिवर्तन) |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
तीन पल्य |
| संयतासंयत |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पूर्व-कोटि - ३ अंतर्मुहूर्त |
| पंचेन्द्रिय, पंचेन्द्रिय पर्याप्त, पंचेन्द्रिय योनिनी |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पृथक्त्व (९५, ४७, १५) पूर्व-कोटि + ३ पल्य |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३ पल्य, ३ पल्य, ३ पल्य - (२ मास + पृथक्त्व अंतर्मुहूर्त) |
| संयतासंयत |
ओघ के समान |
| पंचेन्द्रिय लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| मनुष्य |
मनुष्य, मनुष्य पर्याप्त, मनुष्यिनी |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पृथक्त्व (४७, २३, ७) पूर्व-कोटि + ३ पल्य |
| सासादन |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
एक समय |
छह आवली |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
अंतर्मुहूर्त |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
साधिक (कुछ-कम १/३ पूर्व कोटि) ३ पल्य, साधिक ३ पल्य , ३ पल्य - (९ मास + ४९ दिन) |
| संयतासंयत से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| लब्ध्यपर्याप्त |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
पल्य का असंख्यातवां भाग |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| देव |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३१ सागर |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३३ सागर |
| भवनवासी से सहस्रार |
मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
साधिक-सागर, साधिक-पल्य, साधिक २, ७, १०, १४, १६, १८ सागर |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| आनत से नव ग्रैवेयक |
मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
२०, २२, २३, २४, २५, २६, २७, २८, २९, ३०, ३१ सागर |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| नौ अनुदिश, चार अनुत्तर |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
३१ सागर+१ समय, ३२ सागर+१ समय |
३२ सागर, ३३ सागर |
| सर्वार्थसिद्धि |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
३३ सागर |
| इन्द्रिय |
एकेंद्रिय |
सामान्य |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अनन्त (असंख्यात (आवली के असंख्यात भाग) पुद्गल परिवर्तन) |
| बादर |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
असंख्यातासंख्यात (अंगुल के असंख्यात भाग) अवसर्पिणी-उत्सर्पिणी काल |
| बादर-पर्याप्त |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
संख्यात हजार वर्ष |
| बादर-लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| सूक्ष्म |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
असंख्यात लोकप्रमाण काल |
| सूक्ष्म-पर्याप्त |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
| सूक्ष्म-लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| २,३,४ |
२,३,४ और २,३,४ पर्याप्तक |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल, अंतर्मुहूर्त |
संख्यात हजार वर्ष |
| लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| ५ |
५ और ५ पर्याप्त |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पृथक्त्व पूर्व-कोटी + (१००० सागर, पृथक्त्व सौ सागर) |
| सासादन से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| काय |
पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
असंख्यात लोकप्रमाण काल |
| पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, प्रत्येक वनस्पति |
बादर |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
कर्म-स्तिथि प्रमाण |
| बादर पर्याप्त |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
संख्यात हजार वर्ष |
| लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, वनस्पति, निगोद |
पर्याप्त, अपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
असंख्यात लोकप्रमाण काल |
| वनस्पति |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अनन्त (असंख्यात (आवली के असंख्यात भाग) पुद्गल परिवर्तन) |
| निगोद |
सामान्य |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अढाई पुद्गल परिवर्तन |
| बादर |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
कर्म-स्तिथि प्रमाण |
| त्रस |
त्रस और पर्याप्त |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
२००० सागर + पृथक्त्व पूर्व-कोटि, २००० सागर |
| सासादन से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| लब्ध्यपर्याप्त |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अंतर्मुहूर्त |
| योग |
५ मन, ५ वचन |
मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि, संयतासंयत, प्रमत्त-संयत, अप्रमत्त-संयत, सयोग-केवली |
सर्व-काल |
एक समय |
एक समय |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
एक समय |
पल्य का असंख्यातवां भाग |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| चारों उपशमक और क्षपक |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| काय |
सामान्य |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
एक समय |
अनन्त (असंख्यात पुद्गल परिवर्तन) |
| सासादन से सयोग-केवली |
मनोयोगी के समान |
| औदारिक |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
एक समय |
कुछ कम २२ हजार वर्ष |
| औदारिक-मिश्र |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल - ३ समय |
अंतर्मुहूर्त |
| सासादन |
एक समय |
पल्य का असंख्यातवां भाग |
एक समय |
छह आवली - एक समय |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
| सयोग-केवली |
एक समय |
संख्यात समय |
एक समय |
| वैक्रियिक |
मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
मनोयोगी के समान |
| वैक्रियिक-मिश्र |
मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि |
अंतर्मुहूर्त |
पल्य का असंख्यातवां भाग |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
| सासादन |
एक समय |
पल्य का असंख्यातवां भाग |
एक समय |
छह आवली - एक समय |
| आहारक |
प्रमत्त-संयत |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| आहारक-मिश्र |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
| कार्मण |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
एक समय |
तीन समय |
| सासादन, असंयत सम्यग्दृष्टि |
एक समय |
आवली का असंख्यातवां भाग |
एक समय |
दो समय |
| सयोग-केवली |
तीन समय |
संख्यात समय |
तीन समय |
| वेद |
स्त्री |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पृथक्त्व सौ पल्य |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
५५ पल्य - ३ अंतर्मुहूर्त |
| संयतासंयत से अनिवृत्तिकरण |
ओघ के समान |
| पुरुष |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पृथक्त्व सौ सागर |
| सासादन से अनिवृत्तिकरण |
ओघ के समान |
| नपुंसक |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
अनन्त (असंख्यात पुद्गल परिवर्तन) |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३३ सागर - ६ सागर |
| संयतासंयत से अनिवृत्तिकरण |
ओघ के समान |
| अपगत |
अनिवृत्तिकरण के अवेद भाव से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| कषाय |
क्रोध, मान, माया, लोभ |
मिथ्यादृष्टि से अप्रमत्त-संयत |
मनोयोगी के समान |
| क्रोध, मान, माया लोभ / लोभ |
२ या ३ उपशामक |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| क्रोध, मान, माया लोभ / लोभ |
२ या ३ क्षपक |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
| अकषायी |
अंतिम चार गुणस्थान |
ओघ के समान |
| ज्ञान |
मत्यज्ञानी-श्रुतअज्ञानी |
मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| सासादन |
ओघ के समान |
| मति-श्रुत-अवधि |
असंयत सम्यग्दृष्टि से क्षीणकषाय |
ओघ के समान |
| मन:पर्यय |
प्रमत्त-संयत से क्षीणकषाय |
ओघ के समान |
| केवल |
सयोग-केवली, अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| संयम |
संयत |
प्रमत्त-संयत से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| सामायिक, छेदोपस्थापना |
प्रमत्त-संयत से अनिवृत्तिकरण |
ओघ के समान |
| परिहारिविशुद्धि |
प्रमत्त-संयत, अप्रमत्त-संयत |
ओघ के समान |
| सूक्ष्म-साम्परायिक सुद्धि संयत |
सूक्ष्म-साम्पराय उपशामक / क्षपक |
ओघ के समान |
| यथाख्यात |
अंतिम चार गुणस्थान |
ओघ के समान |
| संयतासंयत |
ओघ के समान |
| असंयत |
मिथ्यादृष्टि से असंयत सम्यग्दृष्टि |
ओघ के समान |
| दर्शन |
चक्षु-दर्शन |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
२००० सागर |
| सासादन से क्षीणकषाय |
ओघ के समान |
| अचक्षु-दर्शन |
मिथ्यादृष्टि से क्षीणकषाय |
ओघ के समान |
| अवधि |
ओघ के समान |
| केवल |
ओघ के समान |
| लेश्या |
कृष्ण, नील, कापोत |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
(३३ सागर, १७ सागर, ७ सागर ) + २ अंतर्मुहूर्त |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
३३ सागर - ६ अंतर्मुहूर्त, १७ सागर - २ अंतर्मुहूर्त, ७ सागर - २ अंतर्मुहूर्त |
| तेज, पद्म |
मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
२ सागर + अंतर्मुहूर्त, कुछ अधिक १८ सागर |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| संयतासंयत से अप्रमत्त-संयत |
सर्व-काल |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| शुक्ल |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
कुछ अधिक ३१ सागर |
| सासादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयत सम्यग्दृष्टि |
ओघ के समान |
| संयतासंयत से अप्रमत्त-संयत |
सर्व-काल |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| चारों उपशामक और क्षपक, सयोग-केवली |
ओघ के समान |
| भव्य |
भव्यसिद्धिक |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
कुछ कम अर्ध-पुद्गल-परिवर्तन |
| सासादन से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| अभव्यसिद्धिक |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अनादि-अनन्त |
| सम्यक्त्व |
सम्यग्दृष्टि |
क्षायिकसम्यग्दृष्टि |
असंयत सम्यग्दृष्टि से अयोग-केवली |
ओघ के समान |
| वेदक |
असंयत सम्यग्दृष्टि से अप्रमत्त-संयत |
ओघ के समान |
| उपशम |
असंयत सम्यग्दृष्टि, संयतासंयत |
अंतर्मुहूर्त |
पल्य का असंख्यातवां भाग |
अंतर्मुहूर्त |
अंतर्मुहूर्त |
| प्रमत्त-संयत से उपशान्त-कषाय |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
एक समय |
अंतर्मुहूर्त |
| सासादन |
ओघ के समान |
| सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| मिथ्यादृष्टि |
ओघ के समान |
| संज्ञी |
संज्ञी |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
पृथक्त्व सौ सागर |
| सासादन से क्षीणकषाय |
ओघ के समान |
| असंज्ञी |
सर्व-काल |
क्षुद्र-भव ग्रहण काल |
अनन्त (असंख्यात पुद्गल परिवर्तन) |
| आहार |
आहारक |
मिथ्यादृष्टि |
सर्व-काल |
अंतर्मुहूर्त |
असंख्यातासंख्यात (अंगुल के असंख्यात भाग) अवसर्पिणी-उत्सर्पिणी काल |
| सासादन से सयोग-केवली |
ओघ के समान |
| अनाहारक |
मिथ्यादृष्टि, सासादन, असंयत सम्यग्दृष्टि, सयोग-केवली |
कार्मण-काययोगी के समान |
| अयोग-केवली |
ओघ के समान |