+ सत्-असत् पदार्थों का खुलासा -
असन्तस्ते मता दक्षैरतीता भाविनश्च ये ।
वर्तमाना: पुन: सन्तस्त्रैलोक्योदरवर्तिन: ॥27॥
अन्वयार्थ : दक्षैः ये त्रैलोक्योदर-वर्तिन: अतीता: भाविन: च (पदार्था:) ते असन्त: पुन: वर्तमाना: सन्त: मता: ।
जो पदार्थ तीन लोक के उदर में भूतकाल में थे और भविष्यकाल में रहेंगे, उन्हें विवेकी पुरुष असत् मानते हैं । तथा जो पदार्थ वर्तमान काल में हैं, उन्हें सत् मानते हैं ।