
सर्वार्थसिद्धि :
इस सूत्रमें 'दो-दो नदियाँ एक-एक क्षेत्र में हैं' इस प्रकार वाक्यविशेष का सम्बन्ध कर लेनेसे एक क्षेत्रमें सब नदियोंके प्रसंग होनेका निराकरण हो जाता है। 'पूर्वाः पूर्वगाः' यह वचन दिशाविशेष का ज्ञान करानके लिए दिया है। इन नदियोंमें जो प्रथम नदियाँ हैं वे पूर्व समुद्रमें जाकर मिली हैं। सूत्रमें जो 'पूर्वगाः' पद है उसका अर्थ 'पूर्व समुद्रको जाती हैं' यह है। शंका – पूर्वत्व किस अपेक्षासे है ? समाधान – सूत्रमें किये गये निर्देशकी अपेक्षा। शंका – यदि ऐसा है तो गंगा, सिन्धु आदि सात नदियाँ पूर्व समुद्रको जानेवाली प्राप्त होती है ? समाधान – यह कोई दोष नहीं, क्योंकि 'द्वयोः द्वयोः' इन पदों का सम्बन्ध है। तात्पर्य यह है कि दो-दो नदियों में-से प्रथम-प्रथम नदी बहकर पूर्व समुद्रमें मिली है। अब इतर नदियोंके दिशाविशेष का ज्ञान करानेके लिए आगेका सूत्र कहते हैं- |
राजवार्तिक :
दो-दो नदियाँ एक-एक क्षेत्र में बहती हैं। 'पूर्वाः पूर्वगाः' से नदियों के बहाव की दिशा बताई है। |