
सर्वार्थसिद्धि :
'सागरोपमकोटीकोटय: परा स्थिति:' पद की अनुवृत्ति होती है। यह भी उत्कृष्ट स्थिति मिथ्यादृष्टि संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तक जीव के जानना चाहिए । इतर जीवों के आगम के अनुसार जान लेना चाहिए। अब आयु कर्म की उत्कृष्ट स्थिति क्या है यह बतलाने के लिए आगे का सूत्र कहते हैं - |
राजवार्तिक :
संज्ञिपंचेन्द्रिय पर्याप्तक के नाम और गोत्र की उत्कृष्ट-स्थिति 20 कोडाकोड़ी सागर है।
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