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तथाकार कब कहते हैं ?
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वायणपडिछण्णाएउवदेसे सुत्तअत्थकहणाए
अवितहभेदत्ति पुणो पडिच्छणाए तधाकारो ॥133॥
अन्वयार्थ :
गुरु के मुख से वाचना के ग्रहण करने में, उपदेश सुनने में और गुरु द्वारा सूत्र तथा अर्थ के कथन में यह सत्य है ऐसा कहना और पुन: श्रवण इच्छा में तथाकार होता है ।