
स्वयमेव विगलितं यो गृह्णीयाद्वा छलेन मधुगोलात् ।
तत्रापि भवति हिंसा तदाश्रयप्राणिनां घातात् ॥70॥
जो कपट से मधु छत्र से, स्वयमेव गिरते मधु को ।
लेता वहाँ भी तदाश्रित जीव घात से हिंसा हि हो ॥७०॥
अन्वयार्थ : [य: छलेन वा] जो कोई कपट से अथवा [गोलात् स्वयमेव विगलितम्] मधुछत्ता में से अपने आप टपका हुआ [मधु गृह्णीयात्] मधु ग्रहण करता है, [तत्रापि तदाश्रय प्राणिनाम्] वहाँ भी उसके आश्रयभूत जन्तुओं के [घातात् हिंसा भवति] घात से हिंसा होती है ।
Meaning : Even if one uses honey which has been obtained by some trick from honey comb, or which has itself dropped down from it, there is Himsa in that case also, because of the destruction of creatures of spontaneous birth born there.
टोडरमल