
अंतोमुहुत्तमेत्ते पडिसमयमसंखलोगपरिणामा
कमउड्ढा पुव्वगुणे, अणुकट्टी णत्थि णियमेण ॥53॥
अन्वयार्थ : इस गुणस्थान का काल अन्तमुर्हूर्त मात्र है और इसमें परिणाम असंख्यात लोक-प्रमाण होते हैं, और वे परिणाम उत्तरोत्तर प्रति-समय समान-वृद्धि को लिये हुए हैं तथा इस गुणस्थान में नियम से अनुकृष्टि-रचना नहीं होती है ।
जीवतत्त्वप्रदीपिका