
आहार-सरीरिंदिय, पज्जत्ती आणपाण-भास-मणो।
चत्तारि पंच छप्पि य, एइंदिय-वियल-सण्णीणं॥119॥
अन्वयार्थ : आहार, शरीर, इन्द्रिय, श्वासोच्छ्वास, भाषा और मन इस प्रकार पर्याप्ति के छह भेद हैं। इनमें से एकेन्द्रिय जीवों के आदि की चार पर्याप्ति, विकलेन्द्रिय और असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों के अन्तिम मन:पर्याप्ति को छोड़कर शेष पाँच पर्याप्ति तथा संज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों के सभी छहों पर्याप्ति हुआ करती हैं ॥119॥
जीवतत्त्वप्रदीपिका