
आउह्नरासिवारं लोगे अण्णोण्णसंगुणे तेऊ।
भूजलवाऊ अहिया पडिभागोऽसंखलोगो दु॥204॥
अन्वयार्थ : शलाकात्रयनिष्ठापन की विधि से लोक का साढ़े तीन बार परस्पर गुणा करने से तेजस्कायिक जीवों का प्रमाण निकलता है। पृथिवी, जल, वायुकायिक जीवों का उत्तरोत्तर तेजस्कायिक जीवों की अपेक्षा अधिक-अधिक प्रमाण है। इस अधिकता के प्रतिभागहार का प्रमाण असंख्यात लोक है ॥204॥
जीवतत्त्वप्रदीपिका