
सुहुमेसु संखभागं, संखा भागा अपुण्णगा इदरा।
जस्सि अपुण्णद्धादो, पुण्णद्धा संखगुणिदकमा॥208॥
अन्वयार्थ : सूक्ष्म जीवों में अपनी-अपनी राशि के संख्यात भागों में से एक भागप्रमाण अपर्याप्तक और बहुभागप्रमाण पर्याप्तक हैं। कारण यह है कि अपर्याप्तक के काल से पर्याप्तक का काल संख्यात गुणा है ॥208॥
जीवतत्त्वप्रदीपिका