सिरिपासणाहतित्थे सरयूतीरे पलासणयरत्थो ।
पिहियासवस्स सिस्सो महासुदो बुड्ढकित्तिमुणी ॥6॥
श्रीपार्श्वनाथतीर्थे सरयूतीरे पलाशनगरस्य: ।
पिहितास्रवस्य शिष्यो महाश्रुतो बुद्धकीर्तिमुनिः ॥६॥
अन्वयार्थ : श्रीपार्श्वनाथ भगवान के तीर्थ में सरयू नदी के तटवर्ती पलाश नामक नगर में पिहितास्रव साधु का शिष्य बुद्धकीर्ति मुनि हुआ जो महाश्रुत या बड़ा भारी शास्त्रज्ञ था ।