+ गुणस्थानों में संभव योग -
गुणस्थानों में संभव योग

  विशेष 

विशेष :


गुणस्थानों में संभव योग
गुणस्थान सम्भव योग असम्भव योग
मिथ्यादृष्टि 13 2 (आहारक, आहारक-मिश्र)
सासादन
मिश्र 10 5 (आहारक, आहारक-मिश्र, औदारिक-मिश्र, वैक्रियक-मिश्र, कार्मण)
असंयत 13 2 (आहारक व आहारक-मिश्र)
देशविरत 9 6 (औदारिक-मिश्र, वैक्रियक, वैक्रियक-मिश्र, आहारक,आहारक-मिश्र, कार्मण)
प्रमत्त संयत 11 4 (औदारिक-मिश्र, वैक्रियक, वैक्रियक-मिश्र, कार्मण)
अप्रमत्त संयत 9 6 (औदारिक-मिश्र, वैक्रियक, वैक्रियक-मिश्र, आहारक, आहारक-मिश्र, कार्मण)
अपूर्वकरण
अनिवृत्तिकरण
सूक्ष्म साम्पराय
उपशान्त मोह
क्षीणकषाय
सयोग केवली 7 8 (वैक्रियक, वैक्रियक-मिश्र, आहारक, आहारक-मिश्र, असत्य व उभय [मन, वचन])
कुल योग = 15 (४ मन और ४ वचन [सत्य, असत्य, उभय, अनुभय], ७ काय योग [औदारिक, औदारिक-मिश्र, वैक्रियक, वैक्रियक-मिश्र, आहारक,आहारक-मिश्र, कार्मण])