विशेष :
पांचों ज्ञानों का स्वामित्व |
सूत्र |
ज्ञान |
जीव समास |
गुणस्थान |
११६ |
कुमति व कुश्रुति |
सर्व १४ जीवसमास |
१-२ |
११७-११८ |
विभंगावधि |
संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्त |
१-२ |
१२० |
मति, श्रुति, अवधि |
संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच व मनुष्य पर्या.अपर्या. |
४-१२ |
१२१ |
मन:पर्यय |
संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्त मनुष्य |
६-१२ |
१२२ |
केवलज्ञान |
संज्ञी पर्याप्त, अयोगी की अपेक्षा |
१३, १४, सिद्ध |
११९ |
मति, श्रुत, अवधि ज्ञान अज्ञान मिश्रित |
संज्ञी पर्याप्त |
३ |
(ष.खं.१/१०१/सू.११६-१२२/३६१-३६७) |
|