विशेष :
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प्रकृति बंध (मार्गणा -- जाति) |
बंध |
अबंध |
व्युच्छिति |
1,2,3,4 इंद्रिय |
मिथ्यात्व |
109 |
0 |
15 (गुणस्थानोक्त 16 - नरक-त्रिक + मनुष्यायु + तिर्यञ्चायु) |
सासादन |
94 |
15 |
29 (25 गुणस्थानोक्त + वज्रवृषभनाराचसंहनन + औदारिकद्विक, + मनुष्यद्विक - तिर्यञ्चायु) |
बंध योग्य प्रकृतियाँ 109 = 120 - 11 (तीर्थंकर, आहारकद्विक, वैक्रियकअष्टक) |
पंचेंद्रिय |
लब्ध्यपर्याप्त |
बंध योग्य प्रकृतियाँ 109 = 120 - 11 (तीर्थंकर, आहारकद्विक, वैक्रियकअष्टक) |
पर्याप्त |
बंध योग्य प्रकृतियाँ 120, सामान्योक्त, गुणस्थान 1 से 14 |
पंचेंद्रिय-निवृत्त्यपर्याप्त |
मिथ्यात्व |
107 |
5 |
13 |
सासादन |
94 |
18 |
24 |
अविरत-सम्यक्त्व |
75 |
37 |
13 |
प्रमत्त-विरत |
62 |
50 |
61 |
सायोग-केवली |
1 |
111 |
1 |
बंध योग्य प्रकृतियाँ 112 = 120 - 8 (आहारकद्विक, नरक-द्विक, आयु ४) |
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