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मोहनीय के भुजाकार आदि बंध

  विशेष 

विशेष :


मोहनीय के भुजाकार आदि बंध
पूर्व-बंध से अनंतर-बंध अवस्था संख्या कुल
भुजाकार 1 से 2, 2 से 3, 3 से 4, 4 से 5, 5 से 9 उपशम श्रेणी से क्रमश: उतरने पर 5 20
1,2,3,4,5 से 17 उपशम श्रेणी में मरण होने पर 5
9 से 13,17,21,22 6 गुणस्थान से नीचे गिरने पर 4
13 से 17,21,22 5 गुणस्थान से नीचे गिरने पर 3
17 से 21,22 4 गुणस्थान से नीचे गिरने पर 2
21 से 22 2 गुणस्थान से नीचे गिरने पर 1
अल्पतर 22 से 17,13,9 1 गुणस्थान से 4,5,7 में गमन 3 11
17 से 13,9 4 गुणस्थान से 5,7 में गमन 2
13 से 9 5 गुणस्थान से 7 में गमन 1
9 से 5, 5 से 4, 4 से 3, 3 से 2, 2 से 1 श्रेणी आरोहण के समय 5
अवक्तव्य 0 से 1 11 गुणस्थान से 10 में गमन 1 2
0 से 17 11 गुणस्थान से 4 में गमन, मरण 1
अवस्थित भुजाकार आदि बंध के बाद अवस्थिति 20+11+2 33
भुजाकार बंध : अल्प-प्रकृतियों से अधिक प्रकृतियाँ बांधना । उदाहरण : सासादन में 21 के बंध से मिथ्यात्व में गमन होने से 22 का बंध
अल्पतर बंध : अधिक-प्रकृतियों से अधिक प्रकृति बांधना । उदाहरण : मिथ्यात्व में 22 के बंध से अविरत सम्यक्त्व में गमन होने से 17 का बंध
अवक्तव्य बंध : अबन्ध से प्रकृति बंध प्रारम्भ करना । उदाहरण : 10वें गुणस्थान में मोहनीय का अबन्ध से 9वें में गमन होने से 1 प्रकृति का बंध
अवस्थित बंध : भुजाकार, अल्पतर या अवक्तव्य बंध के पश्चात् वही बंध पुन: करना । उदाहरण : मिथ्यात्व में 22 के बंध से अविरत सम्यक्त्व में गमन होने से 17 का बंध अल्पतर । उसके बाद पुन: 17 का बंध अवस्थित है ।