विशेष :
|
नाम कर्म के उदय-स्थान में जीव-पद अपेक्षा भंग |
| उदय-स्थान |
काल |
स्वामी |
सामान्य |
मिथ्यात्व |
सासादन |
मिश्र |
अविरत स. |
देशविरत |
प्रमत्तविरत |
अप्रमत्तविरत |
उपशम-श्रेणी |
क्षपक-श्रेणी |
सयोग-केवली |
| भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
| 20 |
कार्मण |
*समुद्घात सामान्य केवली |
1 |
1 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
1 |
| 21 |
कार्मण |
देव-गति |
1 |
60 |
1 |
59 |
1 |
31 |
-na- |
-na- |
1 |
4 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
| नरक-गति |
1 |
1 |
-na- |
1 |
| मनुष्य-गति |
8 |
8 |
8 |
1 |
| संज्ञी तिर्यञ्च |
8 |
8 |
8 |
1 |
| विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
8 |
-na- |
| बादर -- पृथ्वी, अप तेज, वायु, प्र. वनस्पति |
10 |
10 |
6 |
| सूक्ष्म 5*, बादर साधारण वनस्पति |
6 |
6 |
-na- |
| लब्ध्यपर्याप्त 17 (पृथ्वीकायादि) |
17 |
17 |
| *समुद्घात तीर्थंकर केवली |
1 |
-na- |
1 |
| उदय-स्थान |
काल |
स्वामी |
सामान्य |
मिथ्यात्व |
सासादन |
मिश्र |
अविरत स. |
देशविरत |
प्रमत्तविरत |
अप्रमत्तविरत |
उपशम-श्रेणी |
क्षपक-श्रेणी |
सयोग-केवली |
| भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
| 24 |
मिश्र शरीर |
बादर -- पृथ्वी, अप तेज, वायु, प्र. वनस्पति |
10 |
27 |
10 |
27 |
6 |
6 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
| सूक्ष्म 5*, बादर साधारण वनस्पति |
6 |
6 |
-na- |
| लब्ध्यपर्याप्त 11 (एकेन्द्रिय) |
11 |
11 |
| 25 |
मिश्र-शरीर |
देव, नारकी, आहारक-शरीरी |
3 |
19 |
2 |
18 |
1 |
1 |
-na- |
-na- |
2 |
2 |
-na- |
-na- |
1 |
1 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
| शरीर-पर्याप्ति |
बादर -- पृथ्वी, अप तेज, वायु, प्र. वनस्पति |
10 |
10 |
-na- |
-na- |
-na- |
| सूक्ष्म 5, बादर साधारण वनस्पति |
6 |
6 |
| उदय-स्थान |
काल |
स्वामी |
सामान्य |
मिथ्यात्व |
सासादन |
मिश्र |
अविरत स. |
देशविरत |
प्रमत्तविरत |
अप्रमत्तविरत |
उपशम-श्रेणी |
क्षपक-श्रेणी |
सयोग-केवली |
| भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
| 26 |
शरीर-मिश्र |
विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
620 |
8 |
614 |
8 |
584 |
-na- |
-na- |
-na- |
37 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
6 |
| संज्ञी तिर्यञ्च |
288 |
288 |
288 |
1 |
| मनुष्य |
288 |
288 |
288 |
36 |
| सामान्य समुद्घात केवली |
6 |
-na- |
-na- |
-na- |
6 |
| लब्ध्यपर्याप्त 6 (त्रस) |
6 |
6 |
-na- |
| शरीर-पर्याप्ति |
बादर पृथ्वीकायिक आतप |
2 |
2 |
| उद्योत 3 (पृथ्वी, अप, वनस्पति) |
6 |
6 |
| उच्छ्वास-पर्याप्ति |
बादर -- पृथ्वी, अप तेज, वायु, प्र. वनस्पति |
10 |
10 |
| सूक्ष्म 5, बादर साधारण वनस्पति |
6 |
6 |
| उदय-स्थान |
काल |
स्वामी |
सामान्य |
मिथ्यात्व |
सासादन |
मिश्र |
अविरत स. |
देशविरत |
प्रमत्तविरत |
अप्रमत्तविरत |
उपशम-श्रेणी |
क्षपक-श्रेणी |
सयोग-केवली |
| भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
| 27 |
शरीर-मिश्र |
तीर्थंकर समुद्घात केवली |
1 |
12 |
-na- |
10 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
2 |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
1 |
| शरीर-पर्याप्ति |
देव, नारकी, आहारक-शरीरी |
3 |
2 |
2 |
1 |
-na- |
| उच्छ्वास-पर्याप्ति |
बादर पृथ्वीकायिक आतप |
2 |
2 |
0 |
-na- |
| उद्योत 3 (पृथ्वी, अप, वनस्पति) |
6 |
6 |
-na- |
| 28 |
शरीर-पर्याप्ति |
सामान्य समुद्घात केवली |
12 |
1175 |
-na- |
1162 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
75 |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
12 |
12 |
| मनुष्य |
576 |
576 |
72 |
-na- |
| संज्ञी तिर्यञ्च |
576 |
576 |
1 |
| विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
-na- |
| उच्छ्वास-पर्याप्ति |
देव, नारकी, आहारक-शरीरी |
3 |
2 |
2 |
1 |
| उदय-स्थान |
काल |
स्वामी |
सामान्य |
मिथ्यात्व |
सासादन |
मिश्र |
अविरत स. |
देशविरत |
प्रमत्तविरत |
अप्रमत्तविरत |
उपशम-श्रेणी |
क्षपक-श्रेणी |
सयोग-केवली |
| भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
| 29 |
शरीर-पर्याप्ति |
तीर्थंकर समुद्घात केवली |
1 |
1760 |
-na- |
1746 |
-na- |
2 |
-na- |
2 |
-na- |
76 |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
13 |
| संज्ञी तिर्यञ्च उद्योत |
576 |
576 |
1 |
-na- |
| उद्योत-युक्त विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
-na- |
| उच्छ्वास-पर्याप्ति |
सामान्य समुद्घात केवली |
12 |
-na- |
12 |
| मनुष्य |
576 |
576 |
72 |
-na- |
| संज्ञी तिर्यञ्च |
576 |
576 |
1 |
| विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
0 |
| भाषा-पर्याप्ति |
देव, नारकी, आहारक-शरीरी |
3 |
2 |
2 |
2 |
2 |
1 |
| उदय-स्थान |
काल |
स्वामी |
सामान्य |
मिथ्यात्व |
सासादन |
मिश्र |
अविरत स. |
देशविरत |
प्रमत्तविरत |
अप्रमत्तविरत |
उपशम-श्रेणी |
क्षपक-श्रेणी |
सयोग-केवली |
| भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
भंग |
कुल-भंग |
| 30 |
उच्छ्वास-पर्याप्ति |
तीर्थंकर समुद्घात केवली |
1 |
2921 |
-na- |
2896 |
-na- |
2304 |
-na- |
2304 |
-na- |
2305 |
-na- |
288 |
-na- |
144 |
-na- |
144 |
-na- |
72 |
-na- |
24 |
1 |
25 |
| संज्ञी तिर्यञ्च उद्योत |
576 |
576 |
1 |
-na- |
| उद्योत-युक्त विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
-na- |
| भाषा-पर्याप्ति |
सामान्य केवली |
24 |
-na- |
24 |
| मनुष्य |
1152 |
1152 |
1152 |
1152 |
1152 |
144 |
144 |
144 |
72 |
24 |
-na- |
| संज्ञी तिर्यञ्च |
1152 |
1152 |
1152 |
1152 |
1152 |
144 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
| विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
| 31 |
भाषा-पर्याप्ति |
तीर्थंकर केवली |
1 |
1161 |
-na- |
1160 |
-na- |
1152 |
-na- |
1152 |
-na- |
1152 |
-na- |
144 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
1 |
1 |
| संज्ञी तिर्यञ्च उद्योत |
1152 |
1152 |
1152 |
1152 |
1152 |
144 |
-na- |
| उद्योत-युक्त विकलत्रय और असंज्ञी |
8 |
8 |
-na- |
-na- |
-na- |
-na- |
|
कुल भंग |
|
7758 |
|
7692 |
|
4080 |
|
3458 |
|
3653 |
|
432 |
|
148 |
|
144 |
|
72 |
|
24 |
|
60 |
| *सूक्ष्म 5 = पृथ्वी, अप तेज, वायु, वनस्पति |
| केवली में कार्मण-काल प्रतर और लोकपूरण समुद्घात के 3 समय का काल है । |
| केवली समुद्घात में उदयस्थान -- दंड (30/31) -> कपाट/मिश्र (26/27) -> प्रतर+लोकपूरण (20/21) -> कपाट/मिश्र (26/27) -> शरीर-पर्याप्ति (28/29) -> उच्छ्वास पर्याप्ति (29/30) -> भाषा-पर्याप्ति (30/31) |
|