विशेष :
|
अनिवृत्तिकरण क्षपक के 36 सत्त्व स्थान / 38 भंग |
| 1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
| तीर्थंकर, आहारक-४ सहित |
138 |
122 |
114 |
113 |
112 |
106 |
105 |
104 |
103 |
| तीर्थंकर रहित, आहारक-४ सहित |
137 |
121 |
113 |
*112 |
111 |
105 |
104 |
103 |
102 |
| तीर्थंकर सहित, आहारक-४ रहित |
134 |
118 |
110 |
109 |
108 |
102 |
101 |
100 |
99 |
| तीर्थंकर, आहारक-४ रहित |
133 |
117 |
109 |
*108 |
107 |
101 |
100 |
99 |
98 |
|
*यहाँ दो भंग हैं |
|
दूसरे स्थान में क्षीण होने वाली प्रकृतियाँ = 16 (नरकद्विक, तिर्यंच-द्विक, जाति-चतुष्क, स्त्यानत्रिक, आतप, उद्योत, सूक्ष्म, साधारण, स्थावर) |
|
तीसरे स्थान में क्षीण होने वाली प्रकृतियाँ = 8 (प्रत्याख्यान ४, अप्रत्याख्यान ४) |
|