विशेष :
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सूक्ष्म-सांपरायिक और क्षीण मोह क्षपक के सत्त्व स्थान और भंग |
| सूक्ष्म-सांपरायिक |
क्षीण मोह |
| उपांत्य |
अंत-समय |
| तीर्थंकर, आहारक-४ सहित |
102 |
101 |
99 |
| तीर्थंकर रहित, आहारक-४ सहित |
101 |
100 |
98 |
| तीर्थकर सहित, आहारक-४ रहित |
98 |
97 |
95 |
| तीर्थंकर, आहारक-४ रहित |
97 |
96 |
94 |
| क्षीण-मोह उपांत्य समय में व्युच्छिन्न 2 प्रकृतियाँ = निद्रा, प्रचला |
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