विशेष :
| नाम कर्म के सत्त्व आधार, बंध उदय आधेय त्रिसंयोग भंग |
| सत्वस्थान |
बंधस्थान |
उदयस्थान |
स्वामी |
| 93 |
4 (29,30,31,1) |
7 (21,25,26,27,28,29,30) |
पर्याप्त / निवृत्तिअपर्याप्त कर्मभूमि-मनुष्य / देव |
| 1 (29) |
5 (21,26,28,29,30) |
मनुष्य |
असंयत स. |
| 1 (30) |
देशसंयत |
| 5 (25,27,28,29,30) |
प्रमत्तसंयत |
| 2 (29,31) |
1 (30) |
अप्रमत्तसंयत / अपूर्वकरण |
| 1 (1) |
उपशमक अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
उपशांतमोह |
| 1 (30) |
5 (21,25,27,28,29) |
देव |
असंयत स. |
| 92 |
7 (23,25,26,28,29,30,1) |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
चारों-गति के जीव |
| 2 (29,30) |
5 (21,25,27,28,29) |
नरक |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (29) |
1 (29) |
मिश्र |
| 5 (21,25,27,28,29) |
1 नरक, असंयत स. |
| 1 (29) |
2-7 नरक, असंयत स. |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (28) |
2 (30,31) |
मिश्र |
| 6 (21,26,28,29,30,31) |
असंयत स. |
| 2 (30,31) |
देशसंयत |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
5 (21,26,28,29,30) |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (28) |
1 (30) |
मिश्र |
| 5 (21,26,28,29,30) |
असंयत स. |
| 1 (30) |
देशसंयत |
| 5 (25,27,28,29,30) |
प्रमत्तसंयत |
| 2 (28,30) |
1 (30) |
अप्रमत्तसंयत / अपूर्वकरण |
| 1 (1) |
उपशमक अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
उपशांतमोह |
| 4 (25,26,29,30) |
5 (21,25,27,28,29) |
देव |
मिथ्यादृष्टि, भवनत्रिक से सौधर्म-द्विक |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सनत्कुमार से सहस्रार तक |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, सहस्रार से ग्रैवेयिक तक |
| 1 (29) |
मिश्र |
| असंयत स., भवनत्रिक |
| 5 (21,25,27,28,29) |
असंयत स., वैमानिक |
| 91 |
3 (28,29,30,1) |
7 (21,25,26,27,28,29,30) |
नारकी, मनुष्य, देव |
| 1 (29) |
2 (21,25) |
नरक |
1 से 3 नरक, मिथ्यादृष्टि |
| 1 (30) |
5 (21,25,27,28,29) |
1 नरक, असंयत स. |
| 3 (27,28,29) |
2-3 नरक, असंयत स. |
| 2 (28,29) |
1 (30) |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (29) |
5 (21,26,28,29,30) |
असंयत स. |
| 1 (30) |
देशसंयत |
| प्रमत्तसंयत |
| अप्रमत्तसंयत / अपूर्वकरण छ्ठा भाग |
| 1 (1) |
उपशमक अपूर्वकरण 7वां भाग से, अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
उपशांतमोह |
| 1 (30) |
5 (21,25,27,28,29) |
देव |
असंयत स. |
| 90 |
7 (23,25,26,28,29,30,1) |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
चारों-गति के जीव |
| 2 (29,30) |
5 (21,25,27,28,29) |
नरक |
मिथ्यादृष्टि |
| 2 (29,30) |
1 (29) |
सासादन |
| 1 (29) |
मिश्र |
| 5 (21,25,27,28,29) |
1 नरक, असंयत स. |
| 1 (29) |
2-7 नरक, असंयत स. |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 3 (28,29,30) |
5 (21,24,26,30,31) |
सासादन |
| 1 (28) |
2 (30,31) |
मिश्र |
| 6 (21,26,28,29,30,31) |
असंयत स. |
| 2 (30,31) |
देशसंयत |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
5 (21,26,28,29,30) |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 3 (28,29,30) |
3 (21,26,30) |
सासादन |
| 1 (28) |
1 (30) |
मिश्र |
| 5 (21,26,28,29,30) |
असंयत स. |
| 1 (30) |
देशसंयत |
| प्रमत्तसंयत |
| अप्रमत्तसंयत / अपूर्वकरण छ्ठा भाग |
| 1 (1) |
उपशमक अपूर्वकरण 7वां भाग से, अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
उपशांतमोह |
| 4 (25,26,29,30) |
5 (21,25,27,28,29) |
देव |
मिथ्यादृष्टि, भवनत्रिक से सौधर्म-द्विक |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सनत्कुमार से सहस्रार तक |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, सहस्रार से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
3 (21,25,29) |
सासादन, भवनत्रिक से सहस्रार तक |
| 1 (29) |
सासादन, सहस्रार से ग्रैवेयिक तक |
| 1 (29) |
मिश्र |
| असंयत स., भवनत्रिक |
| 5 (21,25,27,28,29) |
असंयत स., वैमानिक |
| 88 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
एकेन्द्रिय, विकलत्रय, पंचेंद्रिय (जन्म की अपेक्षा) |
| 9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 4 (21,26,28,29) |
मनुष्य |
| 84 |
5 (23,25,26,29,30) |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
एकेन्द्रिय, विकलत्रय, पंचेंद्रिय (जन्म की अपेक्षा) |
| 9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 4 (21,26,28,29) |
मनुष्य |
| 82 |
5 (23,25,26,29,30) |
4 (21,24,25,26) |
एकेन्द्रिय के, विकलत्रय व पंचेंद्रिय (जन्म की अपेक्षा) तिर्यञ्च, मिथ्यादृष्टि |
| 80 / 78 |
1 (1) |
6 (21,27,29,30,31,9) |
मनुष्य |
क्षपक श्रेणी / तीर्थंकर केवली |
| 1 (1) |
1 (30) |
क्षपक अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
क्षीणमोह |
| 1 (31) |
सयोग-केवली, स्वस्थान |
| 5 (21,27,29,30,31) |
सयोग-केवली, समुद्घात |
| 1 (9) |
अयोग-केवली |
| 79 / 77 |
1 (1) |
6 (20,26,28,29,30,8) |
मनुष्य |
क्षपक श्रेणी / सामान्य केवली |
| 1 (1) |
1 (30) |
क्षपक अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
क्षीणमोह |
| सयोग-केवली, स्वस्थान |
| 5 (21,26,28,29,30) |
सयोग-केवली, समुद्घात |
| 1 (8) |
अयोग-केवली |
| 10 |
0 |
1 (9) |
अयोग-केवली, चरम समय, तीर्थंकर |
| 9 |
0 |
1 (8) |
अयोग-केवली, चरम समय, सामान्य |
| गोम्मटसार कर्मकांड गाथा -- 753-759 |
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