विशेष :
| नाम कर्म के उदय आधार, बंध सत्त्व आधेय त्रिसंयोग भंग |
| उदयस्थान |
बंधस्थान |
सत्त्वस्थान |
स्वामी |
| 20 |
0 |
2 (79,77) |
सामान्य केवली, समुद्घात, कार्माण काल |
| 21 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
9 (93,92,91,90,88,84,82,80,78) |
चारों गति के जीव, कार्माण काल |
| 0 |
2 (80,78) |
तीर्थंकर केवली |
| 2 (29,30) |
3 (92,91,90) |
नरक |
1 से 3 नरक, मिथ्यात्व |
| 1 नरक, असंयत स. |
| 3 (92,90) |
4 से 7 नरक, मिथ्यात्व |
| 5 (23,25,26,29,30) |
5 (92,90,88,84,82) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
सासादन |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
असंयत स. |
| 5 (23,25,26,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
सासादन |
| 2 (28,29) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स. |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
देव |
भवनत्रिक / देवियाँ, मिथ्यादृष्टि |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
मिथ्यादृष्टि, सौधर्म-द्विक |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सानत्कुमार से सहसार |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
सासादन, सहस्रार तक |
| 1 (29) |
सासादन, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स. |
| 24 |
5 (23,25,26,29,30) |
5 (92,90,88,84,82) |
लब्द्यपर्याप्त एकेन्द्रीय |
| 3 (23,25,29) |
5 (92,90,88,84,82) |
तेज, वायुकायिक |
| 25 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
7 (93,92,91,90,88,84,82) |
चारों गति के जीव के अपर्याप्त अवस्था, एकेन्द्रिय पर्याप्त |
| 2 (29,30) |
3 (92,91,90) |
नरक |
1 से 3 नरक, मिथ्यात्व, शरीर-मिश्र |
| 2 (29,30) |
3 (92,90) |
4 से 7 नरक, मिथ्यात्व, शरीर-मिश्र |
| 2 (29,30) |
3 (92,91,90) |
1 नरक, असंयत स., शरीर-मिश्र |
| 5 (23,25,26,29,30) |
5 (92,90,88,84,82) |
तिर्यञ्च |
एकेन्द्रिय |
| 2 (28,29) |
2 (93,92) |
मनुष्य |
आहारक, शरीर-मिश्र |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
देव |
भवनत्रिक / देवियाँ, मिथ्यादृष्टि |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
मिथ्यादृष्टि, सौधर्म-द्विक |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सानत्कुमार से सहसार |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
सासादन, सहस्रार तक |
| 1 (29) |
सासादन, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स. |
| 26 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
9 (93,92,91,90,88,84,82,79,77) |
तिर्यञ्च, मनुष्य / सामान्य-केवली औदारीक-मिश्र |
| 5 (23,25,26,29,30) |
5 (92,90,88,84,82) |
तिर्यञ्च |
त्रस लब्ध्यपर्याप्त / निवृत्ति-अपर्याप्त, शरीर-मिश्र, मिथ्यादृष्टि |
| 5 (23,25,26,29,30) |
5 (92,90,88,84,82) |
एकेन्द्रिय, आतप/उद्योत शरीर-पर्याप्ति, उच्छ्वास-पर्याप्ति, मिथ्यादृष्टि |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय, सासादन |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
असंयत स. |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि, शरीर-मिश्र |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
सासादन |
| 2 (28,29) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स. |
| 0 |
2 (79,77) |
सामान्य-केवली, कपाट समुद्घात |
| 27 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
8 (93,92,91,90,88,84,80,78) |
देव / नारकी / तीर्थंकर / आहारक-शरीरी शरीर-पर्याप्ति, एकेन्द्रिय उच्छ्वास-पर्याप्ति |
| 2 (29,30) |
2 (92,90) |
नरक |
नरक, मिथ्यादृष्टि, शरीर पर्याप्ति |
| 1 (29,30) |
1 (92,91,90) |
1 नरक, असंयत स. |
| 1 (30) |
1 (91) |
2-3 नरक, असंयत स., तीर्थंकर सत्त्व सहित |
| 5 (23,25,26,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
तिर्यञ्च |
एकेन्द्रीय, उच्छ्वास पर्याप्ति, तेज / वायु बिना |
| 5 (92,90,88,84,82) |
एकेन्द्रीय, उच्छ्वास पर्याप्ति, तेज / वायु कायिक |
| 2 (28,29) |
2 (93,92) |
मनुष्य |
आहारक शरीर, शरीर पर्याप्ति |
| 0 |
2 (80,78) |
तीर्थंकर केवली, कपाट समुद्घात, शरीर-मिश्र |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
देव |
भवनत्रिक देव / देवियाँ / सौधर्म-द्विक, मिथ्यात्व, शरीर पर्याप्ति |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सानत्कुमार से सहस्रार |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत, वैमानिक, शरीर पर्याप्ति |
| 28 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
8 (93,92,91,90,88,84,79,77) |
तिर्यञ्च / मनुष्य -- शरीर पर्याप्ति, देव / नारकी -- उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 2 (29,30) |
2 (92,90) |
नरक |
नरक, मिथ्यादृष्टि, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 2 (29,30) |
3 (92,91,90) |
1 नरक, असंयत स. |
| 1 (30) |
1 (91) |
2-3 नरक, असंयत स., तीर्थंकर सत्त्व सहित |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यात्व, त्रस, शरीर पर्याप्ति |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
असंयत स. |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
मिथ्यात्व, शरीर पर्याप्ति |
| 2 (28,29) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स., शरीर पर्याप्ति |
| 2 (93,92) |
आहारक, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 0 |
2 (79,77) |
सामान्य केवली, दण्ड समुद्घात, औदारीक काय-योग, शरीर पर्याप्ति |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
देव |
भवनत्रिक देव / देवियाँ / सौधर्म-द्विक, मिथ्यात्व, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सानत्कुमार से सहसार |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स., वैमानिक, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 29 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
10 (93,92,91,90,88,84,82,80,79,78,77) |
चारों गति के जीव |
| 2 (29,30) |
2 (92,90) |
नरक |
मिथ्यादृष्टि, भाषा पर्याप्ति |
| 1 (90) |
सासादन |
| 1 (29) |
2 (92,90) |
मिश्र |
| 2 (29,30) |
3 (92,91,90) |
1-3 नरक, असंयत स. |
| 1 (29) |
1 (92,90) |
4-7 नरक, असंयत स. |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यात्व, त्रस, उच्छवास पर्याप्ति (उद्योत रहित), शरीर पर्याप्ति (उद्योत सहित) |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
असंयत स. |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
मिथ्यात्व, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 2 (28,29) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स. |
| 2 (28,29) |
2 (93,92) |
आहारक, भाषा पर्याप्ति |
| 0 |
2 (80,78) |
तीर्थंकर केवली, दण्ड समुद्घात, शरीर पर्याप्ति |
| 0 |
2 (79,77) |
सामान्य केवली, मूल शरीर में प्रवेश, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 4 (25,26,29,30) |
2 (92,90) |
देव |
मिथ्यादृष्टि भवनत्रिक देव / देवियाँ / सौधर्म-द्विक, भाषा पर्याप्ति |
| 2 (29,30) |
मिथ्यादृष्टि, सानत्कुमार से सहसार |
| 1 (29) |
मिथ्यादृष्टि, आनत से ग्रैवेयिक तक |
| 2 (29,30) |
1 (90) |
सासादन, भवनत्रिक देव / देवियाँ / सौधर्म से सहस्रार, भाषा पर्याप्ति |
| 1 (29) |
सासादन, आनत से ग्रैवेयिक तक, भाषा पर्याप्ति |
| 2 (92,90) |
मिश्र |
| 1 (29) |
2 (92,90) |
असंयत स., भवनत्रिक / देवियाँ |
| 2 (29,30) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स., वैमानिक |
| 30 |
8 (23,25,26,28,29,30,31,1) |
10 (93,92,91,90,88,84,82,80,79,78,77) |
तिर्यञ्च / मनुष्य |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
2 (92,90) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि, त्रस, उच्छ्वास पर्याप्ति, उद्योत सहित, पचेंद्रिय |
| 5 (23,25,26,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मिथ्यादृष्टि, त्रस, उच्छ्वास पर्याप्ति, उद्योत सहित, विकलत्रय |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
असंयत स., उच्छवास पर्याप्ति |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
2 (92,90) |
मिथ्यादृष्टि, त्रस, भाषा पर्याप्ति, उद्योत रहित, पंचेंद्रिय |
| 5 (23,25,26,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मिथ्यादृष्टि, त्रस, भाषा पर्याप्ति, उद्योत रहित, विकलत्रय |
| 3 (28,29,30) |
1 (90) |
सासादन, भाषा-पर्याप्ति |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
मिश्र, असंयत स., देश-संयत |
| 0 |
2 (80,78) |
मनुष्य |
तीर्थंकर, समुद्घात, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
3 (92,91,90) |
मिथ्यात्व, भाषा-पर्याप्ति |
| 3 (28,29,30) |
1 (90) |
सासादन, भाषा-पर्याप्ति |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
मिश्र |
| 2 (29,28) |
4 (93,92,91,90) |
असंयत स. से प्रमत्त |
| 2 (29,28,30,31) |
अप्रमत्त से अपूर्वकरण के 6 भाग तक |
| 1 (1) |
4 (93,92,91,90) |
अपूर्वकरण 7वें भाग, अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्म-सांपराय, अपशम श्रेणी |
| 1 (1) |
4 (80,79,78,77) |
अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्म-सांपराय, क्षपक श्रेणी |
| 0 |
4 (93,92,91,90) |
उपशांत-मोह |
| 0 |
4 (80,79,78,77) |
क्षीण मोह, सयोग केवली |
| 31 |
6 (23,25,26,28,29,30) |
6 (92,90,88,84,80,78) |
तिर्यञ्च / मनुष्य |
| 6 (23,25,26,28,29,30) |
2 (92,90) |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि, त्रस, भाषा पर्याप्ति, उद्योत सहित, पंचेंद्रिय |
| 5 (23,25,26,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मिथ्यादृष्टि, त्रस, भाषा पर्याप्ति, उद्योत सहित, विकलत्रय |
| 3 (28,29,30) |
1 (90) |
सासादन, भाषा-पर्याप्ति, उद्योत-सहित |
| 1 (28) |
2 (92,90) |
मिश्र, असंयत स., देश-संयत, उद्योत-सहित |
| 0 |
2 (80,78) |
मनुष्य |
तीर्थंकर, भाषा-पर्याप्ति |
| 9 |
0 |
3 (80,78,10) |
आयोग-केवली, तीर्थंकर |
| 8 |
0 |
3 (79,77,9) |
आयोग-केवली, सामान्य |
| गोम्मटसार कर्मकांड गाथा -- गाथा -- 746 से 752 |
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