
योग-स्थान में अल्प-बहुत्व
अन्वयार्थ : सू. एकेन्द्रिय अप. का ज. << बा. एकेन्द्रिय अप. का ज. << दो इंद्रिय अप. का ज. << ३ इंद्रिय अप. का ज. << ४ इंद्रिय अप. का ज. << असंज्ञी पंचेंद्रिय अप. का ज. << संज्ञी पंचेंद्रिय अप. का ज. << सू. एकेन्द्रिय अप. का उ. << बा. एकेन्द्रिय लब्धअप. का उ. << सू. एकेन्द्रिय प. का ज. << बा. एकेन्द्रिय प. का ज. << सू. एकेन्द्रिय प. का उ. << बा. एकेन्द्रिय प. का उ. << दो इंद्रिय अप. का उ. << ३ इंद्रिय अप. का उ. << ४ इंद्रिय अप. का उ. << असंज्ञी पंचेंद्रिय अप. का उ. << संज्ञी पंचेंद्रिय अप. का उ << दो इंद्रिय प. का ज. << ३ इंद्रिय प. का ज. << ४ इंद्रिय प. का ज. << असंज्ञी पंचेंद्रिय प. का ज. << संज्ञी पंचेंद्रिय प. का ज. << दो इंद्रिय प. का उ. << ३ इंद्रिय प. का उ. << ४ इंद्रिय प. का उ. << असंज्ञी पंचेंद्रिय प. का उ. << संज्ञी पंचेंद्रिय प. का उ.
<< = पल्य / असंख्यात
ज. = जघन्य, उ. = उत्कृष्ट
प. = पर्याप्त, अप. = अपर्याप्त
सू. = सूक्ष्म, बा. = बादर
विशेष