+ आस्रव का वर्णन -
(दोहरा)
जोई करमउदोत धरि, होइ क्रिया रसरत्त ।
करषै नूतन करमकौं, सोई आस्रव तत्त ॥३०॥
अन्वयार्थ : (दोहरा)
जोई करमउदोत धरि, होइ क्रिया रसरत्त ।
करषै नूतन करमकौं, सोई आस्रव तत्त ॥३०॥