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पुण्य के नाम
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(दोहरा)
पुन्य सुकृत ऊरधवदन, अकररोग शुभकर्म ।
सुखदायक संसारफल, भाग बहिर्मुख धर्म ॥४०॥
अन्वयार्थ :
(दोहरा)
पुन्य सुकृत ऊरधवदन, अकररोग शुभकर्म ।
सुखदायक संसारफल, भाग बहिर्मुख धर्म ॥४०॥