छह दव्वह जे जिण-कहिआ, णव पयत्थ जे तत्त
ववहारे जिणउत्तिया, ते जाणियहि पयत्त ॥35॥
व्यवहार से जिनदेव ने छह द्रव्य तत्त्वारथ कहे
हे भव्यजन ! तुम विधीपूर्वक उन्हें भी पहिचान लो ॥
अन्वयार्थ : [छह दव्वह जे जिण-कहिआ] जिनेन्द्र देव कथित छह द्रव्य, [णव पयत्थ जे तत्त] सात तत्त्व और नौ पदार्थ, [ववहारे जिणउत्तिया] व्यवहारनय से जिनदेव ने कहे हैं [ते जाणियहि पयत्त] उनको प्रयत्न करके जानो ।