+ आत्मा के ज्ञान के लिए नौ दृष्टांत -
रयण दीउ दिणयर दहिउ, दुद्धु घीव पाहाणु
सुण्णउ रुउ फलिहउ अगिणि, णव दिट्ठंता जाणु ॥57॥
रतन दीपक सूर्य घी दधि दूध पत्थर अर दहन
सुवर्ण रूपा स्फटिक मणि से जानिये निज आत्मन् ॥
अन्वयार्थ : [रयण] १. रत्न, [दीउ] २. दीप, [दिणयर] ३. सूर्य, [दहिउ दुद्धु घीव] ४. दही-दूध-घी (अथवा दही-दूध में घी), [पाहाणु] ५. पाषाण, [सुण्णउ] ६. सोना, [रुउ] ७. चाँदी, [फलिहउ] ८. स्फटिक मणि और [अगिणि] ९. अग्नि [णव दिट्ठंता जाणु] इन नौ दृष्टान्तों को अच्छी तरह समझो ।