तत्त्वं सल्लाक्षणिकं सन्मात्रं वा यतः स्वतः सिद्धम् ।
तस्मादनादिनिधनं स्वसहायं निर्विकल्पञ्च ॥8॥
अन्वयार्थ : तत्त्व सत् लक्षणवाला है, सत् स्वरूप ही है, स्वतः सिद्ध है इसीलिये अनादि निधन है, अपनी सहायता से ही बनता और बिगड़ता है, और वह निर्विकल्प भी है ।